Wednesday 23 May 2018

कॉमेडी के चक्कर में पसीने छूट जाते हैं ; अक्षय कुमार

डाॅ. अरूण जैन
बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक कॉमेडी से भरी सुपरहिट फिल्में देने वाले अक्षय कुमार का कहना है कि उनके लिए कॉमेडी करना आसान नही बल्कि सबसे मुश्किल काम है। पेश है अक्षय कुमार से नीलम कोठारी की बातचीत के अंश। साल में आपकी पांच फिल्मों में तीन फिल्में कॉमेडी की होती हैं तो क्या आपको कॉमेडी करना ज्यादा आसान लगता है?नहीं आसान तो नहीं है। कॉमेडी करना मुझे इसलिए पसंद है, क्योंकि मैं जानता हूं कि हंसी से बढ़कर कोई दवाई नहीं। एक मुस्कराहट बड़े से बड़े दर्द को खत्म कर देती है और वैसे भी आज की दुनिया में हमारे पास दुखी होने के बहाने ज्यादा हैं, ऐसे में यदि आप अपनी कॉमेडी से किसी को हंसा पाएं तो इससे अच्छा क्या होगा। लेकिन मैं बता दूं कि जितना आसान पर्दे पर रोना होता है उतना ही मुश्किल कॉमेडी करना होता है। कई बार तो इतनी बार टेक देने पड़ते हैं कि हीरो और डायरेक्टर दोनों के पसीने छूट जाते हैं। अब अगर मैं तुम्हें बोंलू कि कोई ऐसी बात बोलो जिससे मैं हंस दूं तो क्या तुम बोल सकती हो, लेकिन मैं गांरटी देता हूं कि यदि मैं बोलूं कि मुझे रुला कर दिखाओ तो कैसे भी करके तुम मुझे रुला तो दोगी ही, फिर चाहे कुछ उल्टा—सीधा ही बोल दो। इसलिए बेटा कॉमेडी जितनी आसान दिखती है उतनी होती नहीं है। आप अब द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में दिखने वाले हैं। यह एक कॉमेडी शो है, ऐसे में फिल्मों और छोटे पर्दे पर की जाने वाली कॉमेडी को किस तरह देखते हैं आप? फिल्मों में हमें पता होता है कि कितने घंटे के लिए करना है, लेकिन शो को आपको आगे खींचना पड़ता है। ऐसे में कई बार कॉमेडी की क्वालिटी खराब हो जाती है और लोग दूसरों की मजाक बनाकर कॉमेडी करने लगते हैं। कई बार वह कॉमेडी पर्सनल भी हो जाती है इसलिए इस बार मैंने कोशिश की है कि हम द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे किसी को बुरा लगे। क्या आपने स्क्रिप्ट राइटर को कोई खास निर्देश दिए हैं जिससे वह ध्यान रखें कि किसी पर पर्सनल कमेंट न हो ?अरे मैं कौन होता हूं निर्देश देने वाला। राइटर की बदौलत तो हमारी दुकान चल रही है लेकिन मुझे ऐसा कुछ भी बोलने की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि शो का फार्मेट ही ऐसा बना है कि हम खुद की मजाक बनाएंगे दूसरों की नहीं। वैसे भी मेरे हिसाब से कॉमेडियन वही है जो अपनी मजाक बनाए जैसे कि चार्ली चैपलिन। वह अपनी मजाक बनाते थे। हीरोइन उनके गाल पर चांटा मारती थी, लोग उन्हें गिराते थे। तो असली कॉमेडियन वही है जो खुइ के साथ प्रयोग करे न कि दूसरों के साथ। एक तरफ आप हैं जो कभी किसी के लिए कुछ नहीं कहते, वहीं आपकी पत्नी ट्विंकल खन्ना खन्ना अपनी आर्टिकल और टवीट के सहारे काफी कुछ कहती हैं। क्या कभी आपको लगता है कि उन्हें इतना खुलकर नहीं कहना चाहिए?नहीं मुझे ऐसा नहीं लगता। हर किसी का अपना सोचना है और मुझे नहीं लगता कि कभी भी ट्विंकल ने कोई ऐसी बात बोली है जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। वह हर सही बात के साथ रहती हैं और जहां तक रही मेरी बात तो मुझे लगता है कि मेरी अपनी जिंदगी है और मुझे उसी पर फोकस करना चाहिए। आपकी बेटी नितारा के साथ हाल ही में आपका एक वीडियो काफी वायरल हुआ जिसमें आप उनके कहने पर एक्ट कर रहे थे। तो क्या खाली वक्त में आप नितारा के साथ ऐसे ही समय बिताते हैं? हां , वैसे भी मुझे नितारा के साथ समय कम मिलता है। जब भी मैं बाहर रहता हूं तो सबसे ज्यादा मुझे उसी की याद आती है। आउटडोर शूट पर मैं सबसे ज्यादा बात नितारा से ही करता हूं। आरव अब बड़ा हो गया है, उसका ज्यादा वक्त पढ़ाई और दोस्तों में चला जाता है। इसलिए घर आकर सबसे पहले मैं उससे मिलना चाहता हूं और उसी को खोजता हूं। वह भी सबसे ज्यादा मेरे साथ रहना पसंद करती है। हालांकि बोलने के मामले और आदतों के मामले में वह टीना पर गई है, लेकिन जब बात खेलने और मस्ती की आती है तो डैडी से बेहतर उसके लिए कोई नहीं है। देते हैं।

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