Thursday 14 April 2016

मध्यप्रदेश के IAS अपनी संपत्ति उजागर करने को राजी नहीं


डॉ. अरूण जैन
पांच बार प्रॉपटी का ब्यौरा देने की अंतिम तारीख बढऩे के बावजूद आईएएस अपनी संपत्ति उजागर करने को राजी नहीं हैं। जो प्रॉपटी बताते हैं वे भी आधे-अधूरे मन से, क्योंकि ये पुराने दामों पर प्रॉपटी खरीदना तो बताते हैं, पर बाजार मूल्य का कॉलम होने के बावजूद बाजार मूल्य की कीमत नहीं बताते।         अप्रैल-2016 तक की मोहलत मिली है, लेकिन अक्टूबर-2015 की बीती डेडलाइन तक महज 64 अफसरों ने ब्यौरा दिया।  दरअसल, अफसर पत्नी की प्रॉपटी नहीं बताना चाहते।न पब्लिक-डोमेन में प्रॉपटी का ब्यौरा रखने पर राजी हैं। वह भी तब, जबकि जैसा भी हो पर पांच साल से प्रॉपटी का ब्यौरा दे रहे हैं। पिछला ब्यौरा देखे तो 80 फीसदी को उनकी प्रॉपटी कितने की है पता ही नहींं। चुनिंदा आईएएस का प्रॉपटी रिकार्ड देखा, तो कुछ को बाजार कीमत नहीं मालूम। कई ने बाजार कीमत बताई, जबकि कुछ ने एक बार बताई, दूसरे साल हटा दी। इनमें से कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 2010 के बाद नई प्रॉपटी खुद नहीं खरीदी। दस्तावेजों पर यकीन करें तो 70 फीसदी आईएएस तो पांच सालों में कोई प्रॉपटी नहीं खरीद पाएं।  पेश है एक रिपोर्ट. ...अंटोनी डिसा, मुख्य सचिव                   पांच साल में प्रॉपटी ज्यों की त्यों रही। महज 2014 में पत्नी के नाम ब्रांदा-मुंबई में फ्लैट बढ़ा।           लिखा कि पत्नी की माता ने गिफ्ट किया। 2010 में जब प्रॉपटी का ब्यौरा दिया तो खुद व परिवार के नाम करीब 81 लाख की आठ प्रॉपटी बताई। तीन भोपाल और पांच गोवा में। यह करोड़ों की होगी, लेकिन मुख्य सचिव को कीमत नहीं मालूम।               2014 के ब्यौरे में लिखा कि कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से। 29 जनवरी 2016 को पेश 2015 का ब्यौरा ज्यों का त्यों ही है। खास यह है कि जनवरी 2014 में डिसा ने लिखकर दिया कि पणजी और गोवा में अप्रैल-2014 में संपत्ति खरीदी। एसआर मोहंती, एसीएस 2010 में छह प्रॉपटी भोपाल, इंदौर व उड़ीसा में बताई। 2012 में एक प्रॉपटी बढ़ी। पत्नी के नाम जिस प्रापॅटी का मूल्य 2010 में 40 लाख बताया था 2014 में भी उसे उतना ही बताया। ऐसे ही खुद के नाम प्रॉपटी की कीमत भी समान बताई। जनवरी-15,16 में ब्यौरा समान। बीपी सिंह, पीएस आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंह ने उप्र में दो प्रॉपटी बताई। कीमत न 2010 में पता थी न 2014 में। 2012 में भोपाल और इंदौर में पत्नी इंदु के नाम आवासीय प्लाट लेना बताया। 2013 व 2014 में जब ब्यौरा दिया तो पत्नी के नाम प्रॉपटी हटा दी। 2015 और 2016 का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है। राधेश्याम जुलानिया, एसीएस 2010 में चार प्रॉपटी भोपाल और एक नोएडा में बताई। फिर 2011 में इंदौर में बच्चों के नाम प्रॉपटी खरीदी। हर साल बाजार कीमत बढऩा भी बताया। 2010 में 1.8 करोड़ की प्रॉपटी बताई। 2014 में कीमत 3.14 करोड़ बताई। जनवरी-2015 और 2016 में ब्यौरा समान है। प्रवीर कृष्ण, पीएस 2010 से 2014 तक पांच साल में संयुक्त नाम पर एक ही प्रॉपटी हरियाणा में फ्लैट बताया। इससे सालाना 4.20 लाख रुपए सालाना की कमाई भी बताई। वर्ष-2010 के ब्यौरे में बाजार मूल्य 1 करोड़ छह लाख बताया। उसके बाद के सालों में बाजार मूल्य का कॉलम खाली छोड़ दिया। कोई नई प्रॉपटी नहीं बताई। इकबाल सिंह बैस,पीएस पांच साल में बस तीन प्रॉपटी है, जो पंजाब-भोपाल में हैं। दो प्रॉपटी खुद व पत्नी के नाम बताई। 2010 में फरीदाबाद व चंडीगढ़ में 4 करोड़ 8.5 लाख की संयुक्त प्रॉपटी बताई थी।           आखिरी बार वर्ष-2011 में 50 लाख का भोपाल में मकान खरीदना बताया था। फिर नई प्रॉपटी नहीं खरीदी। 2010 में 1.80 करोड़ और 2014 में 3.64 करोड़ की प्रॉपटी बताई। 2014 और 2016 का ब्यौरा समान ही है। पंकज अग्रवाल, आयुक्त 2010 से 2016 तक केवल एक मकान भोपाल में बताया। 2010 में बाजार मूल्य 26 लाख बताया जो इस बार के ब्यौरे में बढ़कर 80 लाख हो गया। इससे सालाना 1.44 लाख रुपए की कमाई है। इसके अलावा संपत्ति की कोई डिटेल नहीं दी गई है। मनोज श्रीवास्तव, पीएस 2010 में चार प्रॉपटी भोपाल में बताई। दो की कीमत 29 लाख और बाकी दो की पता नहीं। 2014 में जब ब्यौरा दिया तो चार प्रॉपटी थी, पर किसी की कीमत पता नहीं। एक प्रॉपटी खुद, एक पत्नी और बाकी दो बच्चों के नाम। पत्नी के नाम प्रॉपटी भी माताजी की बताई। नया ब्यौरा अभी सार्वजनिक नहीं किया। मोहम्मद सुलेमान, पीएस  किसी प्रॉपटी की कीमत नहीं पता। 2010 में उप्र, हरियाणा व भोपाल में प्रॉपर्टी बताई। उप्र-भोपाल की प्रॉपर्टी पत्नी के साथ संयुक्त बताई। भोपाल में 13 लाख का प्लाट बताया। 2012 में खुद के नाम की गोरेगांव-हरियाणा की प्रॉपटी ब्यौरे से हटी। फिर 2014 में नोएडा में एक प्रॉपटी बताई। जनवरी-15 और जनवरी-16 में ब्यौरा समान है। अशोक वर्णवाल,पीएस 2010 में केवल झारखंड में एक मकान बताया था। फिर 2011 में भोपाल में एक और 2014 में एक और प्रापर्टी भोपाल में बताई। कुल तीन प्रापर्टी 2014 में बताई। जो इस बार भी ज्यों की त्यों है। अरुणा शर्मा, एसीएस अरुणा की प्रापर्टी पांच साल में उल्टे कम हो गई है। 2010 में करीब एक करोड़ 22 लाख रुपए की छह प्रॉपटी भोपाल, इंदौर, हरियाणा, नोएडा में बताई। 2011 में पति-बच्चे के नाम 1.90 करोड़ की नई प्रॉपटी बताई। 2012 में दो और 2013 में एक प्रॉपटी को ब्यौरे से हटाया। नया ब्यौरा अभी दिया नहीं। राजेश राजौरा,पीएस  2010 से 2014 तक ज्यों की त्यों प्रॉपटी रही। 2010 के भोपाल में एक प्रॉपटी 22.40 लाख में 2006 में खरीदना बताई थी। बाजार कीमत न तो 2010 में पता थी और न 2014 में पता रही। नया ब्यौरा अभी तक सार्वजनिक नहीं।

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