Monday 6 July 2015

संघ के समर्थन के साथ बरकरार रहेगी वसुंधरा की कुर्सी


डॉ. अरूण जैन
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कुर्सी पर ललित मोदी विवाद की वजह से खतरा टलता दिख रहा है। ऐसी रिपोर्ट है कि बीजेपी के वैचारिक गुरु माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पार्टी को वसुंधरा को मुख्यमंत्री पद से न हटाने की चेतावनी दी है क्योंकि इससे राज्य सरकार अस्थिर हो सकती है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वसुंधरा और बीजेपी के बीच सुलह कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गडकरी के पार्टी अध्यक्ष रहने के समय से वसुंधरा के उनके साथ अच्छे संबंध हैं। 
गडकरी की आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के साथ नजदीकी से भी वसुंधरा को मदद मिली है। इसी वजह से सोमवार को जयपुर में वसुंधरा से मिलने के बाद गडकरी ने कहा, पूरी पार्टी वसुंधरा के साथ है और उन्होंने कुछ भी गैर कानूनी नहीं किया है। अभी तक पार्टी ने इस मामले में वसुंधरा से दूरी बनाई हुई थी। गडकरी के इस बयान से पहली बार यह संकेत मिला है कि वसुंधरा की कुर्सी को अभी कोई खतरा नहीं है।  गडकरी का कहना था, उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप आधारहीन हैं। मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि सरकार और बीजेपी उनके साथ खड़े हैं। पिछले सप्ताह ललित मोदी विवाद का खुलासा होने के बाद से वसुंधरा ने किसी आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था और सोमवार को वह इस तरह के पहले कार्यक्रम में गडकरी के साथ नैशनल हाईवे 114 पर जोधपुर-पोखरण प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने जोधपुर पहुंची। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में कुछ अन्य रोड प्रॉजेक्ट्स का भी उद्घाटन किया।  सूत्रों का दावा है कि वसुंधरा कभी भी आरएसएस की पसंद नहीं रही हैं और संघ के नेता वसुंधरा के तड़क-भड़क वाले लाइफस्टाइल से नाखुश रहे हैं। लेकिन इस बार संघ ने उनका समर्थन करने का फैसला किया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ईटी को बताया, राजस्थान सरकार की स्थिरता एक चीज है। राज्य में वसुंधरा की लोकप्रियता को लेकर कोई संदेह नहीं है और उनके खिलाफ किसी भी कार्रवाई से राज्य में पार्टी की यूनिट बिखर जाती। संघ को यह भी चिंता थी कि राजे को हटाने से विवादों का पिटारा खुल सकता है, जिससे बीजेपी की मुश्किलें और बढऩे की आशंका थी। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इससे पूर्व वसुंधरा से मिलने से इनकार कर दिया था। ऐसा बताया जाता है कि वसुंधरा ने शाह से फोन पर बात कर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, अध्यक्षजी ने उनसे पूछा था कि क्या ललित मोदी से जुड़े ऐसे डॉक्युमेंट्स या सबूत हैं जिनके सामने आने पर उन्हें और पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है। वसुंधरा ने उन्हें आश्वासन दिया था कि ऐसा कुछ नहीं है। इसके बाद शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति से अवगत कराया था। सूत्रों ने कहा कि आरएसएस को यह भी चिंता थी कि वसुंधरा के खिलाफ कदम उठाने से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को व्यापम घोटाले को लेकर पद से हटाने की विपक्ष की मांग को बल मिल सकता है।

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