Monday, 26 September 2016

राष्ट्रपति चुनाव के बाद 

भारत-अमेरिका के सम्बंधों को लेकर चिंतित वासीभारतीय…!


बोस्टन से अरूण जैन
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार चरम पर है, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक दोनों दलों के उम्मीदवारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, यद्यपित मतदान में अभी एक महीने से भी अधिक का समय है और दोनांे ही दलों के उम्मीदवार ट्रम्प और हिलैरी क्लिंटन के बीच फिलहाल कांटे की टक्कर है, किन्तु दोनों ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को लेकर अमेरिका में निवासरत प्रवासी भारतीय काफी चिंतित और सहमा हुआ है, वह फिलहाल यह बताने की स्थिति में भी नहीं है कि भारत के लिए कौन सा उम्मीदवार उपयोगी व सहयोगी होगा ।
आम प्रवासी भारतीय की इस चिंता का मुख्य कारण यह है कि जिस तरह पिछले दो सालों में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच जो दोस्ताना रिश्ते कायम हुए और राष्ट्रपति ओबामा का भारत व मोदी के प्रति स्नेह व सौहार्द्र का सम्बंध रहा और जिसके कारण हम पूरी दुनिया के साथ चीन व पाक के लिये भय व चिंता का कारण बने, क्या अब वैसे रिश्ते अमेरिका को भावी राष्ट्रपति के साथ बरकरार रह पाएगें ? क्योंकि अमेरिका में रहने वाला आम भारतीय राष्ट्रपति पद के सशक्त दावेदार ट्रम्प की उस घोषणा से चिंतित है, जिसमें उन्ही के अमेरिकी युवाओं की बेरोजगारी का मुख्य कारण भारती युवाओं को बताया था और आरोप लगाया था कि भारत के युवा तकनीकी छात्र अमेरिका में आकर अमेरिकी युवाओं की दाल-रोटी छीन रहे है और यदि वे (ट्रम्प) राष्ट्रपति चुनलिए गए तो सबसे पहला काम यहां काम कर रहे भारतीय युवाओं को अमेरिका से बाहर निकालने का करेगें।
अब चाहे रिपब्लिकन उम्मीदवार श्री ट्रम्प ने अमेरिकी युवाओं को रिझाने और हो उनका वोट प्राप्त करने के लिए यह घोषणा की हो, किन्तु इस घोषणा से अमेरिका में कार्यरत हर युवा उद्यमी के दिल-दिमाग में भय की भावना तो जाग्रत हो ही गई। इसके अलावा ट्रम्प ने अपनी घोषणा को आगे बढ़ाते हुए खुद के पेरों पर कुल्हाड़ी मारने की तर्ज पर यह भी कहा था कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद मुसलमानों को भी अमेरिका में नहीं रहने देगें, फिर वे मुसलमान चाहे किसी भी देश के क्यों न हों ? इस घोषणा के कारण अमेरिका का हर आम मुस्लिम भी डरा-सहमा है, यद्यपि अमेरिका वासियों ने ट्रम्प की इस घोषणओं को चुनावी स्टंट ही माना, किन्तु चूंकि ट्रम्प और हिलैरी के बीच बराबरी के कांटे की लड़ाई बनती जा रही है, इसलिए ट्रम्प को लेकर आम भारतीय व मुसलमान चिंतित तो है।
यद्यपित ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलैरी क्लिंटन के बारे में भी यह माना जाता रहा है कि वे भारत से ज्यादा पाकिस्तान समर्थक रही है। किन्तु चूंकि उन्होने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भारत या पाक के बारे में कोई विवादास्पद टिप्पणी नहीं की इसलिए अमेरिका में निवास करने वाला हर भारतीय यह चाहता है कि हिलैरी ही अमेरिका की अगली राष्ट्रपति बनें, क्योंकि वही अपनी पार्टीं के निवृत्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा के देशहितेषी कार्यों व सिद्घांतों को आगे बढ़ा सकती है।
इस प्रकार कुल मिलाकर फिलहाल यह कहना तो मुश्किल है कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, किन्तु हां, उम्मीदवारों को लेकर फायदे-नुक्सान के कयास जरूर लगाऐ जाने लगे है।

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