हिलेरी के लिए शुरूआत से जीत की राह आसान हुई
(लॉस एंजेलिस से अरूण जैन )
सितम्बर के अंतिम सप्ताह में शुरू हुई सार्वजनिक बहस के साथ ही डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की राष्ट्रपति पद की दौड़ की राह आसान दिखाई देने लगी है। बहस के साथ ही सीएनएन और ओआरसी द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के दौरान 62 प्रतिशत मतदाताओं ने हिलेरी क्लिंटन को अगले राष्ट्रपति के रूप में देखने की इच्छा जाहिर की है। वहीं रिपब्लिक उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प आश्यर्चजनक रूप से पिछड़ गए। उन्हे केवल 26 प्रतिशत मतदाताओं ने पसंद किया। 11 प्रतिशत मतदाता किसी के भी पक्ष में नही गए।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव 8 नवम्बर को होना है, जिसमें मात्र पांच सप्ताह का समय शेष रह गया है। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव का एक आश्चर्य जनक पहलु यह है कि ऐन बहस की शुरूआत के दिन ही मीडिया खुलकर ट्रम्प के विरोध में खड़ा हो गया। दो प्रभावशाली समाचारपत्रों द वाशिंगटन पोस्ट और द न्यूयार्क टाइम्स ने इस दिन सुबह से ट्रम्प के विरूद्ध संपादकीय लिखते हुए हिलेरी क्लिंटन की जोरदार तरफदारी की। अर्थव्यवस्था, करों में कटौती, नस्लवाद, आईएस जैसे मुद्दों पर ट्रम्प की काफी खिंचाई हुई। इन समाचारपत्रों ने यहां तक लिख डाला कि ट्रम्प को किसी भी सूरत में राष्ट्रपति नही चुना जाना चाहिए। इसके समर्थन में अखबारों ने तर्क भी दिए। दोनों उम्मीदवारों की पहली बहस के बाद का सर्वेक्षण भी चौंकानेवाला है। जबकि पिछले माह ही एनबीसी और वाल स्ट्रीट जर्नल के एक सर्वेक्षण में हिलेरी को 8 प्रतिशत बढ़त बताई गई थी। एबीसी न्यूज और वाशिंगटन पोस्ट के सर्वे में इसके पहले हिलेरी को 46 प्रतिशत मतदाताओं और ट्रम्प को 44 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन बताया गया था। कहा गया कि ट्रम्प के समर्थक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं। इसके विपरीत हिलेरी को शिक्षित वर्ग का साथ मिला है। श्वेत महिलाओं में हिलेरी को 25 प्रतिशत बढ़त मिली है। 59 प्रतिशत अमेरिकी ट्रम्प को नकारात्मक ढंग से देखते हैं।
चुनावी बहस का एक और उल्लेखनीय पहलू यह है कि 90 मिनिट की इस बहस को 10 करोड़ लोगों ने विभिन्न माध्यमों से प्रत्यक्ष देखा। इसके पूर्व सन् 1980 में जिमी कार्टर और रोनाल्ड रीगन की बहस को 8 करोड़ लोगों ने देखा था। यह भी अपने आप में रिकार्ड है और एक दिशा विशेष की ओर संकेत करता है।
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