Monday 13 April 2015

मध्य-पूर्व अध्ययन यात्रा - 1

विश्व के पर्यटको का अकेला आकर्षण-दुबई


अरूण जैन 
विदेशी पर्यटन और शाॅपिंग में रूचि रखने वालों के लिए दुबई का नाम सबसे टाॅप सूची में है । किसी समय कहा जाता था कि विदेश जाना है और स्विट्जरलेंड नही देखा तो क्या देखा । परन्तु आज दुबई ने उसे भी पीछे छोड़ दिया है । शाॅपिंग के नए-नए आयाम, गगनचुंबी इमारतें और अन्य कई रोमाचंक आकर्षण इस शहर और अमीरी राष्ट्र में है । सोने की चकाचैंध तो आंखों को विस्फटित कर देती है । 
संयुक्त अरब अमीरात का एक हिस्सा, यह दुबई हालांकि अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र है और इसकी राजधानी अबू धाबी है । पर्शियन गल्फ के दक्षिण पूर्वी किनारे पर बसा दुबई का नामकरण भी पर्शियन भाषा के शब्द ‘‘दो पै’’ से हुवा है जिसका, अर्थ है दो आधारों अथवा दो हिस्सों वाला शहर । दुबई सात अमीर राज्यों में से एक है, जिनसे मिलकर यू.ए.ई. बना है । दुबई और अबूधाबी को इस संयुक्त राष्ट्र की अपनी संसद में राष्ट्रीय महत्व के शीर्ष मामलों पर ‘वीटो’ का अधिकार प्राप्त है । सन् 1960 तक दुबई की आय का मुख्य स्त्रोत व्यापार था । 1966 में तेल की खोज के पश्चात सन् 1969 से तेल से आय की शुरूआत हुई । परन्तु स्त्रोत सिमित होने के कारण उत्पादन बहुत कम है । बावजूद इसके इस अमीरात के प्रारंभिक विकास में तेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा । अब इसकी आय का प्रमुख स्त्रोत हो गया है- पर्यटन, उड्डयन, जमीने और वित्तीय सेवाएं । हाल ही में कुछ बड़ी निर्माण परियोजनाओं और खेलकूद के कारण दुबई ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है । विश्व की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा ऐसा ही एक निर्माण है । पर इसके साथ ही दुबई मानवीय अधिकारों के हनन की आलोचना का भी केन्द्र बना हुवा है, वह भी बहुसंख्य दक्षिण एशियाई मजदूरों के कारण । दुबई का संपत्ति बाजार 2008-09 में बड़ी गिरावट का शिकार हुवा । क्योंकि 2007-08 में वित्तीय मंदी आई थी । लेकिन आसपास की अमीरातों के कारण दुबई फिर से उपर आया है और आ रहा है । 2012 के एक सर्वेक्षण के अनुसार दुबई विश्व का 22वां सबसे खर्चीला शहर और सन् 2014 में मध्य-पूर्व का सर्वाधिक खर्चीला शहर रहा है । यहां के होटल विश्व में जिनेवा के बाद सबसे मंहगे हैं ।
दुबई-हवाई अड्डे से जैसे ही पर्यटक होटल के लिए रवाना होता है, चैड़ी सड़को, गगनचुम्बी इमारतों के मध्य से गुजरते, उसे कल्पना भी नहीं होती कि किसी समय 18वीं सदी की शुरूआत में यह मछुआरों का एक गांव था, जहां अंगुलियों पर गिनने लायक लोग रहते थे । आज यहां वो सब सुख सुविधाएं उपलब्ध है जो एशिया अथवा यूरोप के किसी भी उन्नत और विकसित शहर में उपलब्ध हो सकती हैं । फिर चाहे वह मेट्रो हो, टेक्सी के रूप में अत्याधुनिक कारें अथवा बड़े-बड़े शाॅपिंग माल, जिसमें खरीददारी करना आज की युवा पीढ़ी शान समझती है । विश्व का सबसे बड़ा शापिंग सेंटर दुबई माल यही है । पर्यटक दुबई में घूमता हुवा भौंचक्का रहता है कि यह देख या वह देखे , यह खरीदे या वह खरीदे । मेरे ख्याल से पर्यटक 10 हजार रूपए लाया हो, या 10 लाख या 10 करोड़ । खरीददारी और खर्च करने के लिए यहां सारी राशि कम ही है ।

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