राहुल ने सिंधिया को दिल्ली बुलाया, कमलनाथ खुश हुए
डॉ. अरूण जैन
राहुल गांधी ने मप्र में कांग्रेस की ओर से सीएम कैंडिडेटशिप के दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली बुला लिया है। उन्हे नेशनल मीडिया स्ट्रेटजी कमेटी में शामिल किया गया है। साथ ही कहा गया है कि वो डेली मीटिंग करेंगे। सिंधिया की इस पोस्टिंग से उनके प्रतिस्पर्धी कमलनाथ समर्थक काफी खुश नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि अब कमलनाथ का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि सिंधिया तो दिल्ली में ही रहेंगे। कमलनाथ इस बार शायद अपने पेंशन प्लान पर काम कर रहे हैं। उनकी लोकप्रियता या योग्यता के सवाल पर बार-बार दोहराया जा रहा है कि उनकी उम्र हो गई है। अब उन्हे अगला मौका शायद नहीं मिलेगा। योग्यता के मामले में दावा किया जा रहा है कि वो सबसे अच्छे मैनेजर हैं। पार्टी के भीतर का मैनेजमेंट हो नेताओं की गुटबाजी का मैनेजमेंट हो या फिर चुनावों का मैनेजमेंट सभी में वह पार्टी के भीतर नंबर वन हैं। हालांकि मप्र में हुए उपचुनावों में उनका मैनेजमेंट का जादू दिखाई ही नहीं दिया। शहडोल लोकसभा में तो उनकी पराजित प्रत्याशी ने भाजपा नेता से लवमैरिज कर ली। टिकट दिलाने समय शायद कमलनाथ को मालूम ही नहीं था कि उनकी प्रत्याशी को भाजपा से प्यार है। लोकप्रियता के मामले में वो सिंधिया से काफी पीछे हैं। मंच पर शिवराज का सामना करने की स्थिति में कतई नहीं माने जा सकते। वैसे भी मैनेजर्स सीएम के नीचे काम करते हैं। मैनेजर्स को कभी सीएम नहीं बनाया जाता। वोट की ताकत जनता के हाथ में है और जनता सिंधिया के साथ है। बस एक खामी है कि वो गुटबाजी को खत्म नहीं कर सकते। कांग्रेस का एक वर्ग सिंधिया का स्वभाविक विरोध करता है। कमलनाथ, सिंधिया की इसी कमजोरी का फायदा उठाना चाहते हैं। वो दावा करते हैं कि उनके सामने आने पर गुटबाजी खत्म हो जाएगी। राहुल गांधी के सामने संकट यह है कि यदि कमलनाथ को आगे करते हैं तो क्या जनता पसंद करेगी और यदि सिंधिया को आगे किया तो पार्टी के भीतर से खतरा है। फैसला अभी बाकी है। खुद को इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहने वाले कमलनाथ के सामने बड़ी समस्या यह है कि वो राहुल गांधी की पसंद नहीं हैं।
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