जानिए सोनिया-मन-मोदी की 'चाय पे चर्चा'की
सोनिया और मनमोहन सिंह के साथ उनकी मुलाकात पहले से फिक्स नहीं थी। प्रधानमंत्री ने अचानक यह मीटिंग फिक्स की थी। दरअसल, यह सारी कवायद बिहार चुनाव में हार के बाद की जा रही है। हमारे सूत्र बता रहे हैं कि बात सिर्फ इतनी ही नहीं थी। कई और कारण हैं, जिनकी वजह से पीएम मोदी को सोनिया और मनमोहन को बुलाना पड़ा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी से 7 रेसकोर्स रोड मुलाकात की। करीब 35 मिनट चली इस मुलाकात में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, संसदीय कार्य मंत्री वैंकया नायडू और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे। 'बैठक के दौरान संसद में अटके हुए कई बिलों पर चर्चा हुई। जीएसटी पर कांग्रेस ने अपना पक्ष रखा। सरकार ने भी उन मुद्दों पर अपना रुख साफ किया। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि वे अपनी पार्टी से चर्चा करेंगे।Ó लेकिन बिहार चुनाव में हार ; कांग्रेस के एक सीनियर लीडर ने बताया कि इससे पहले तो वे आसमान में उड़ रहे थे, लेकिन अब मोदी जमीन पर आ गए हैं और देश की जनता के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं। हम जनता के बीच स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस राष्ट्रहित के कार्यों में पूरा सहयोग देना को तैयार है। मोदी सरकार की छवि ; सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव में हार के बाद मोदी अपनी सरकार की नकारात्मक छवि को बदलना चाहते हैं। मोदी की टीम को यह एहसास भी हो चुका है कि निकट भविष्य में एनडीए को राज्यसभा में बहुमत मिलने वाला नहीं है। जेटली-राहुल की मुलाकात ने खोला रास्ता ; सूत्रों का कहना है कि सोनिया-मोदी की मुलाकात पर्सनल लेवल पर आ रहे बदलाव की ओर भी इशारा करती है। अब इसे संयोग ही कहेंगे कि निजी स्तर पर इसकी शुरुआत अरुण जेटली की राहुल गांधी के साथ मुलाकात से हुई। जब वह कांग्रेस उपाध्यक्ष को अपनी बेटी की शादी में बुलाने के लिए पहुंचे थे। यहीं से दोनों पक्षों के शीर्ष स्तर पर बातचीत का रास्ता खुला। राहुल की ताजपोशी ; वहीं, कांग्रेस सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी इस समय विरोध का महौल नहीं चाहती हैं। उनका फोकस राहुल गांधी को सत्ता सौंपने पर है। जिससे कि राहुल मिडिल क्लास वोटर और युवाओं के बीच जगह बना सकें।
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