Monday 8 February 2016

शिप्रा में नहीं मिलेगा खान का पानी

डॉ. अरूण जैन

सिंहस्थ-2016 के दौरान क्षिप्रा नदी में शुद्ध जल से स्नान हो सके, इसके लिये राज्य शासन द्वारा खान नदी डायवर्शन योजना पर काम किया जा रहा है। 19 किलो मीटर लम्बाई में ग्राम पिपल्याराघौ से निकालकर खान नदी को पाइप लाइन के जरिये कालियादेह महल के आगे क्षिप्रा नदी से जोड़ा जायेगा। इस तरह त्रिवेणी के आगे से भूखी माता, रामघाट और मंगलनाथ क्षेत्र के सभी घाटों पर क्षिप्रा नदी का शुद्ध जल प्रवाहित होगा। सम्पूर्ण योजना के लिये राज्य शासन द्वारा 90 करोड रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। निर्माण कार्य पूर्ण गति के साथ चलाया जा रहा है और अनुमान है फरवरी-2016 तक यह कार्य पूर्ण हो जायेगा। योजना अन्तर्गत अब तक 1.8 किलो मीटर लम्बाई में पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है।  साथ ही इस पर 14 करोड रूपये का व्यय करते हुए भुगतान कॉन्ट्रेक्टर मेसर्स के.के.स्पन पाइप को किया गया है। योजना के रास्ते में आने वाले रेलवे एवं सडक मार्गों के नीचे पुशिंग पद्धति से पाइप लाइन नीचे सरकाकर बिना सडक को नुकसान किये कार्य किया जा रहा है। खान डायवर्शन में सीमेन्ट-कांक्रीट के 2.6 मीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं। पाइप का आकार इतना बड़ा है कि छोटी कार इसमें से होकर गुजर सकती है। पाइप लाइन डालने के लिये मिट्टी की खुदाई का कार्य भी तेजी से जारी है। सम्पूर्ण योजना के लिये 15 लाख घनमीटर मिट्टी की खुदाई करना है। पिपल्याराघौ से लेकर कालियादेह महल तक अलग-अलग गहराई में पाइप लाइन के लिये खुदाई हो गई है। 7.75 मिलीयन गैलन (एमजीडी) के 2 जलशोधन प्लांट सिंहस्थ-2016 के लिये गऊघाट पर छह मिलीयन गैलन (एमजीडी) जलशोधन का प्लांट छह करोड़ 17 लाख रूपये की लागत से तैयार हो रहा है। इसी तरह साहिबखेड़ी पर पाँच करोड़ 90 लाख रूपये से 1.75 एमजीडी का, इस तरह दो जलशोधन प्लांट तैयार हो रहे हैं। गऊघाट के जलशोधन प्लांट से नर्मदा-क्षिप्रा लिंक से प्राप्त होने वाले पानी का शोधन कर पीने योग्य बनायेगा तथा साहिबखेडी जलशोधन प्लांट साहिबखेडी के जल को शुद्ध करेगा। वर्तमान में इस तरह के चार प्लांट पूर्व से ही कार्यरत् हैं। सिंहस्थ में उक्त प्लांट से 35 मिलीयन लीटर प्रतिदिन अतिरिक्त जल प्राप्त हो सकेगा। सिंहस्थ के लिये विकसित की जा रही इस सुविधा का लाभ आने वाले समय में उज्जैन की जनता को निरन्तर मिलता रहेगा। सिंहस्थ में शाही स्नान के दिन लोक स्वास्थ  यांत्रिकी विभाग द्वारा 162 एम.एल.डी. जल प्रदाय होगा। इसी के अनुरुप  सम्पूर्ण मेला अवधि की कार्ययोजना बनाई गई है।
सिंहस्थ-2016 में मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम 300 स्वीस कॉटेज का निर्माण करेगा। इन्हीं कॉटेजों में से कुछ में वीआईपी के रूकने की व्यवस्था भी की जायेगी। अस्थायी टेन्टों का यह नगर सांवराखेडी क्षेत्र में प्रस्तावित किया गया है। यहां पर पार्किंग एरिया, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित अन्य उच्चस्तरीय व्यवस्थाएं की जायेंगी। इन कॉटेजेस का प्रबंधन पर्यटन विकास निगम द्वारा होटल की तरह किया जायेगा। कॉटेज के इस नगर को पाँच सेक्टर में बांटा गया है। पर्यटन विकास निगम को सिंहस्थ में 16 करोड 12 लाख रूपये आवंटित किये गये हैं, जबकि गत सिंहस्थ में 46 लाख रूपये पर्यटन विकास निगम को आवंटित किये थे। 
नन्दी हॉल का विस्तार महाकालेश्वर मन्दिर में आने वाले लाखों श्रध्दालुओं व दर्शनार्थियों की सुविधा के मद्देनजर नन्दी हॉल का विस्तार किया गया है। इस विस्तार से अधिक श्रध्दालु भस्मार्ती दर्शन का लाभ ले सकेंगे। नन्दी हॉल की क्षमता दो करोड़ 56 लाख रूपये व्यय कर 700 से दो हजार कर दी गई है।
धर्मशाला विस्तार व अन्य कार्य श्री महाकालेश्वर धर्मशाला में विस्तार किया गया है। यहां पर 68 लाख 90 हजार रूपये की लागत से 12 एसी और 12 नॉनएसी कमरे बनाये गये हैं तथा भूमिगत पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसी तरह हरसिध्दि मन्दिर स्थित अतिथि गृह में आठ कमरे 55 लाख रूपये की लागत से बनाये गये हैं। इसी तरह महाकाल प्रवचन हॉल में इको ट्रीटमेंट एवं एयर कूलिंग सिस्टम लगाया गया है। श्री महाकालेश्वर मन्दिर के बाहरी एवं आन्तरिक परिसर में दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु एलईडी लाईट भी लगाये गये हैं।
प्रमुख मन्दिरों का सौंदर्यीकरण सिंहस्थ-2016 में आने वाले श्रध्दालुओं की सुविधा हेतु उज्जैन में प्रमुख मन्दिरों का जीर्णोध्दार व कायाकल्प देवस्थान मद से किया जा रहा है। प्रमुख रूप से मंगलनाथ मन्दिर परिसर, सान्दीपनि आश्रम में गोमती कुंड का जीर्णोध्दार व परिसर का सौंदर्यीकरण, चिन्तामन गणेश मन्दिर परिसर का सौंदर्यीकरण, भर्तृहरि गुफा व काल भैरव मन्दिर परिसर को आकर्षक व सुन्दर बनाकर वहां विजिटर्स फेसिलिटी विकसित की जा रही है।
सिंहस्थ में ट्राफिक कंट्रोल एवं सुरक्षा व्यवस्था पुलिस अधीक्षक के अनुसार सिंहस्थ के लिये पुलिस द्वारा ट्रैफिक कंट्रोल की डायनामिक व्यवस्था की गई है। प्रमुख तीन शाही स्नानों 22 अप्रैल, 9 मई तथा 21 मई 2016 में पार्किंग की अलग व्यवस्था रहेगी। मेला अवधि में अन्य सामान्य दिनों में अलग व्यवस्था रहेगी।
छह सेटेलाइट टाउन सिंहस्थ अवधि में छह सेटेलाइट टाउन बनाये जा रहे हैं, जहां पर वाहन पार्किंग, यात्रियों के लिये पानी, शौचालय व छाया की व्यवस्था की जा रही है। सभी सेटेलाइट टाउनों के लिये कुल 393 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है। सेटेलाइट टाउन इंजीनियरिंग कॉलेज, सांवराखेड़ी, सोयाबीन प्लांट देवास रोड, पंवासा मक्सी रोड, उन्हेल रोड, आगर रोड व बड़नगर रोड पर बनाये जायेंगे। शाही स्नानों के दिन इन्हीं स्थानों पर पार्किंग करवाई जायेगी। आम दिनों में पार्किंग स्थल शाही स्नान की तिथियों को छोडकर (मेला अवधि 22 अप्रैल से 21 मई 2016) आम दिनों में सांवराखेड़ी, लालपुल, भूखीमाता बायपास, जूना सोमवारिया, रणजीत हनुमान, कालभैरव, मंगलनाथ तथा वीर सांवरकर चौराहा पर पार्किंग की सुविधा रहेगी। यात्री बसें यहां तक जायेंगी सिंहस्थ के दौरान उज्जैन शहर में आने वाली यात्री बसों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विभिन्न बस स्टेण्ड निर्धारित किये गये हैं वे इस प्रकार हैं मक्सी, देवास और इन्दौर रोड से आने वाली बसें नानाखेडा बस स्टेण्ड तक आयेंगी। बडनगर रोड की बसें बड़नगर रोड सेटेलाइट टाउन तक आयेंगी। उन्हेल रोड से आने वाली बसें उन्हेल रोड सेटेलाइट टाउन तक आयेंगी। आगर रोड से आने वाली बसें आगर रोड सेटेलाइट टाउन तक आयेंगी। शहर में सडक पर खडे रहने वाले वाहन एक मार्च से पार्किंग पर शहर में सडकों पर खडे रहने वाले वाहनों को एक मार्च 2016 से नजदीक के पार्किंग स्थल पर खडा करने के निर्देश प्रसारित किये जायेंगे। इस हेतु वाहनों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
1000 मैजिक व 400 मिनी बसें लोक परिवहन के लिये 28 रूट तय किये गये हैं। इन पर एक हजार मैजिक व चार सौ मिनी बसों का संचालन श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने के लिये किया जायेगा। नि:शक्तजनों के लिये ई-रिक्शा महाकाल व रामघाट तक चलेंगे। चाक-चौबन्द सुरक्षा व्यवस्था सिंहस्थ में पुलिस द्वारा चाक-चौबन्द सुरक्षा व्यवस्था की जायेगी। सभी प्रवेश-द्वारों पर सशस्त्र नाका चैकिंग लगाई जायेगी। सिंहस्थ क्षेत्र में प्रवेश पर वाहनों व व्यक्तियों की गणना तथा चेकिंग होगी। रेलवे स्टेशनों, हवाई पट्टी पर भी चेकिंग होगी। प्रमुख मन्दिरों की सुरक्षा, स्नान घाटों पर प्रवेश मार्गों पर तथा कोर एरिया में सशस्त्र गार्डों द्वारा निगरानी होगी। इसी के साथ अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड की तैनाती, घाटों व जुलूस मार्ग की ऊंचे भवनों से बायनाकुलर से निगरानी की जायेगी। इसी के साथ होटल, लॉज, ढाबों व धर्मस्थलों की जांच की जायेगी।

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