Wednesday, 17 April 2019

अब राफेल में हुए भ्रष्टाचार का केस बिल्कुल क्रिस्टल क्लियर

डाॅ. अरूण जैन

यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि अनिल अंबानी ओर फ्रेंच सरकार के बीच किस तरह का लेनदेन हुआ अब हमें यह मानना ही होगा कि 'चौकीदार बहुत बड़का वाला चोर हैंÓ। फ्रांस की मैगजीन रुद्ग रूशठ्ठस्रद्ग ने रॉफेल मामले में अनिल अंबानी ओर तत्कालीन फ्रेंच सरकार की कलई खोल दी। 
आज से पहले हम यह नही जानते थे कि अनिल अंबानी की फ्रांस में पहले से एक रजिस्टर्ड कंपनी है, जिसे 'रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांसÓ कहा जाता है। इस कंपनी की फ्रेंच टैक्स अधिकारियों द्वारा जांच की गई और 2007 से 2010 की अवधि के लिए करों में 60 मिलियन यूरो का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी पाया गया। लेकिन अम्बानी तो अम्बानी ठहरे उन्होंने फ्रांस सरकार से मात्र 7.6 मिलियन यूरो में मामला निपटाने की पेशकश की। अब फ्रांस के राष्ट्रपति तो मोदी जी थे नही तो, फ्रांसीसी कर अधिकारियों ने इस ऑफर को रिफ्यूज कर दिया। उन्होंने एक और जांच की ओर 2010 से 2012 तक की अवधि के लिए पिछले करों के अतिरिक्त 91 मिलियन यूरो की मांग करने लगे। यह मामला थोड़ा लंबा खिंच गया और इधर भारत मे मोदी सत्ता में आ गए और उन्होंने के समय हुई फ्रांस की डसाल्ट कम्पनी के साथ हुई रॉफेल डील को निरस्त कर दिया जिसमें 126 विमान को 590 करोड़ प्रति विमान की कीमत से खरीदा जाना था। मोदी ने डसाल्ट के बजाए सरकार से रॉफेल को खरीदने की पेशकश की अब सिर्फ 36 विमान खरीदने की बात की गयी लेकिन लगभग तिगुनी कीमत यानी 1690 करोड़ देने की पेशकश की गई। फ्रांस के लिहाज से यह सौदा हर हाल में अच्छा था जाहिर था कि तिगुनी कीमत के दिये जाने के पीछे बहुत बड़े निगोशिएशन किए गए थे। पिछले दिनों यह भी सामने आया था कि राफेल डील पर मुहर लगने से पहले अंबानी की रिलायंस एंटरटेनमेंट ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की सहयोगी जुली गायेट के साथ एक फिल्म निर्माण के लिए समझौता किया था। लेकिन आज पता चला है कि अम्बानी की कम्पनी 'रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांसÓ को प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद बहुत बड़ी टैक्स छूट मिली। इस नयी राफेल डील के 6 महीने बाद फ्रांस की अथॉरिटीज ने अनिल अंबानी का 143.7 मिलियन यूरो यानी 1,124 करोड़ रुपए से ज्‍यादा का टैक्स माफ कर दिया। 

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