अरूण जैन
व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने पहला दमदार एक्शन किया है। इंदौर से सुरेश भदौरिया के खास अरुण अरोरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही पीपुल्स के चेयरमैन सुरेश विजयवर्गीय, चिरायु के मालिक अजय गोयनका समेत सभी चारों अरबपति कारोबारी फरार हो गए हैं। सीबीआई जांच में पाया गया कि इन सभी ने मेडिकल सीटें बेचकर करोड़ों का कालधन कमाया। कोर्ट ने सभी के खिलाफ वारंट जारी कर दिए हैं। कौन कौन हुए अंडरग्राउंड एलएन मेडिकल कॉलेज ; चेयरमैन जयनारायण चौकसे, कॉलेज के एडमिशन इंचार्ज डीके सतपथी, डीन डॉक्टर स्वर्णा बिसारिया गुप्ता। चिरायु मेडिकल कॉलेज : चेयरमैन डॉक्टर अजय गोयनका, डीन वी मोहन, कॉलेज लेवल एडमिशन कमेटी के डॉक्टर रवि सक्सेना, एसएन सक्सेना, वीएच भावगार, एके जैन, विनोद नारखेड़े, हर्ष सालनकर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया कॉलेज लेवल एडमिशन कमेटी के मेंबर केके सक्सेना, पवन भारवानी, नितिन गोठवाल, जगत रॉवल। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज: चेयरमैन सुरेश एन. विजयवर्गीय उनके दामाद कैप्टन अंबरीश शर्मा, डीन वीके पांडे, मेंबर कॉलेज लेवल कमेटी एएन माशके, सीपी शर्मा, वीके रमन, पीडी महंत, एसके सरवटे, अतुल अहीर। भदौरिया का सबसे खास है अरोरा सीबीआई की गिरफ्त में आया अरुण अरोरा जबलपुर का रहने वाला है। वह इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया का बेहद खास माना जाता है। पहले वह इंदौर के होटल अमलतास में मैनेजर था। बाद में उसे मेडिकल कॉलेज का जिम्मा दे दिया गया। मेडिकल कॉलेज की एडमिशन कमेटी में रहते हुए अरोरा ने मुंहमांगे दामों पर सीटें बेचीं। संडे से शुरू हुई सीबीआई की छापामारी, जारी सीबीआई ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रविवार को भोपाल-इंदौर में कई जगह छापे मारे। इंदौर से इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की एडमिशन कमेटी के चेयरमैन अरुण अरोरा को विजय नगर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने भोपाल में तीनों प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से जुड़े आरोपियों की तलाश में छापे मारे लेकिन सारे रसूखदार आरोपी नदारद मिले। सबके फोन आधी रात तक बंद थे। एक अफसर के अनुसार सभी को चेतावनी दी गई है कि भागने से किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला। बेहतर है कि वे कानून का सम्मान करें। नींद में था अरोरा, सामने सीबीआई रविवार सुबह 6 बजे सीबीआई जब इंदौर में अरुण अरोरा के घर पहुंची तब वे नींद में थे। दरवाजे की बेल बजी तो नींद खुली। बाहर सीबीआई के अफसर खड़े थे। जांच एजेंसी ने उन्हें तैयार होने का मौका दिया और अपने साथ चलने को कहा। सीबीआई अरोरा को भोपाल लेकर आई। शाम सवा चार बजे सीबीआई ने अरोरा को न्यायाधीश सुलेखा मिश्रा की अदालत में पेश किया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने कोर्ट को अरोरा की गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी दी और जेल रिमांड मांगा। वहीं अरोरा के वकील ने कोर्ट में मेडिकल दस्तावेज पेश कर कहा कि अरोरा बीमार है, उन्हें जेल में मेडिकल सुविधा दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अरोरा को जेल भेज दिया। सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि अरोरा के खिलाफ विशेष न्यायाधीश डीपी मिश्रा ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, इसके बाद गिरफ्तारी की गई। क्या गुनाह किया है अरोरा ने बिचौलिए और रैकेटियर से बातचीत करने और सीटों का सौदा करने का जिम्मा अरोरा का होता था। उसने मेडिकल एजुकेशन के अफसरों को गलत जानकारी दी। एडमिशन सूची में बोगस नाम लिखकर भेजे। चार्जशीट में जिक्र है कि 2012 में इंडेक्स कॉलेज को स्टेट कोटे से 95 सीट आवंटित हुई थी। अरोरा ने डीएमई को सूचना दी कि 80 सीट पर 21 सितंबर 2012 को प्रवेश दे दिया गया है। 24 सितंबर को 2 सीट अपग्रेड हुई। दूसरी काउंसलिंग 17 सीट पर की गई। 18 स्कोरर यानी इंजन को एडमिशन देना बताया। इनमें से कुछ पहले से एमबीबीएस के छात्र थे। कॉलेज प्रबंधन खाली सीटों पर प्रवेश के लिए विज्ञापन नहीं दिया। डीएमई और कॉलेज की सूची में काफी अंतर था। 76 छात्रों को राज्य कोटा में प्रवेश दिखाया गया, जबकि ये योग्य नहीं थे।
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