Wednesday 23 May 2018

नाम चलता है लेकिन टैलेंट के बगैर काम नहीं चलता ; कविता पौडवाल

अरूण जैन
महेश भट्ट की फिल्म जुनून से महज 13 साल की उम्र में गायकी की दुनिया में कदम रखने वाली अनुराधा पौडवाल की बेटी कविता पौडवाल कई बॉलीवुड गानों और भक्ति गीतों में अपनी आवाज दे चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने मोह मोह के धागे का एक कवर वर्जन रिलीज किया। पेश है कविता से हुई बातचीत के कुछ अंश। अपने इस सॉन्ग के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?कोई शक नहीं कि यह एक बहुत ही खूबसूरत गीत है। बॉलीवुड में पुराने गानों को नया बनाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है और मुझे लगता है कि इसमें कोई बुराई नहीं है। मोह मोह के धागे के बोल दिल को छू जाते हैं। मैंने इसे अपने स्टाइल में गाया है। यह गीत मेरे दिल के बेहद करीब है। मैं 90 के दशक के गानें सुनकर बड़ी हुई हूं और इस गीत में उसी दौर का आकर्षण झलकता है। मुझे उम्मीद है कि यह मेरे प्रशंसकों को पसंद आएगा। क्या आप मानती हैं कि आपको अपनी मां की बदौलत बॉलीवुड में आसानी से ब्रेक मिल गया? मैं आपकी इस बात से सहमत हूं क्योंकि अगर मैं बोलूंगी कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है तो सबको लगेगा कि मैं झूठ बोल रही हूं। मेरे माता-पिता ही मेरी प्रेरणा हैं। वह शुरुआत से ही मुझे और मेरे भाई को गाइड करते आए हैं लेकिन यह भी सच है कि आपके गॉडफादर या गॉडमदर आपको रास्ता तो दिखा सकते हैं लेकिन उस रास्ते पर चलना कैसे करना है, यह आप खुद तय करते हैं। कहने का मतलब ये है कि प्रतिभा के बगैर कुछ नहीं होता। आदमी अपने टैलेंट के बल पर दुनिया जीत सकता है लेकिन अगर उसके पास नाम है और टैलेंट नहीं तो चाहे फिर वह किसी भी पेशे में चले जाएं, उसे कोई नहीं पूछने वाला। मैं मानती हूं कि मेरी मां एक बहुत बड़ी सिंगर हैं। मुझे उनके जैसा स्टारडम हासिल करने में अभी बहुत वक्त लगेगा। भला कौन दौलत-शोहरत हासिल नहीं करना चाहता। मैं भी चाहती हूं कि मुझे बॉलीवुड के बड़े म्यूजिक डायरेक्टर्स और सितारों के साथ काम करने का मौका मिले लेकिन मेरे चाहने या न चाहने से कुछ नहीं होता। मैं तो अपनी तरफ से पूरी मेहनत कर रही हूं। सब्र का फल मीठा होता है। मैं बहुत पॉजिटिव हूं और मुझे उम्मीद है कि एक दिन देश भर में मेरा भी नाम बोलेगा। आप बॉलीवुड के किस एक्टर और एक्ट्रेस की फिल्म में अपनी आवाज देना चाहती हैं ?मैं शाहरुख खान और प्रियंका चोपड़ा के काम की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। इन दोनों सितारों के अभिनय में एक वास्तविकता नजर आती है। शाहरुख को ऐसे ही बॉलीवुड का बादशाह नहीं कहा जाता। उनकी फिल्मों की बात ही अलग है। किंग खान की बराबरी कोई नहीं कर सकता। मेरा सपना है कि मैं उनकी फिल्म के किसी गाने पर सुर लगाऊं। वहीं, प्रियंका के अलावा मैं दीपिका पादुकोण के अभिनय की भी कायल हूं। इन तीनों सितारों के साथ काम करना मेरी विश लिस्ट में शामिल है।अब बॉलीवुड के कई सितारे सिंगर बन गए हैं। आप क्या कहेंगी?  आज के दिन एक ही आदमी कई काम कर रहा है क्योंकि प्लेटफॉर्म बहुत हैं। जरूरी नहीं कि एक एक्टर एक्टिंग ही करे या कोई सिंगर है तो वह गाना ही गाए। ऐसे में अगर सितारे गायकी की दुनिया में अपने हाथ आजमा रहे हैं तो यह गलत नहीं है। मुझे लगता है कि ऐसा वे सिर्फ अपने शौक के चलते करते हैं। पेशा तो असल में उनका एक्टिंग ही है। उन्हें सिंगर की उपाधि नहीं दी जा सकती। आप ही बताइए कि अगर किसी फिल्म फेस्टिवल में एक्टर्स की जगह पेंटर्स चले जाएं तो क्या यह किसी को अखरेगा नहीं, इसलिए मेरे हिसाब से तो जो जिस काम में अव्वल होता है, उसे वही काम करना चाहिए। 

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