गिर सकती है गाज !
डॉ. अरूण जैन
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दस साल की पारी का क्या अंत होने वाला है ? आखिर शिव के राज की ताबूत की आखिरी कील शिवराज का कौन नजदीकी बन रहा हैं ? और कौन ठोकने की तैयारी कर रहा है ?मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दस साल की पारी का अंत अब निकट आता जा रहा हैं। उचित मुहुर्त और मौके की तलाश में कांग्रेस नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के आला नेता जुटे ही नहीं बल्कि मौका और मुहुर्त भी तय कर दिया गया हैं। शिवराज को सर्वाधिक बड़ा संकट खड़ा करने वाला व्यापम का मुद्दा अस्त्र के तौर पर काम आने वाला हैं और सुप्रीम कोर्ट की तल्खी भरे अंदाज के चलते सी.बी. आई कदम उठाने वाला हैं। सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं और किसी भी दिन शिवराज के अतयंत विश्वासपात्र व्यक्ति को इस मामले में लपेटा जा सकता हैं। गौरतलब हैं कि कांग्रेस लंबे समय से आरोप लगाती आ रही हैं कि व्यापम के मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान की खासी भूमिका हैं। कांग्रेस का आरोप खासकर परिवहन आरक्षक की भर्ती परीक्षा को लेकर रहा हैं। इस मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोबाईल काल डिटेल और एस.एम.एस. को लेकर भी आरोप लगाया था। दिग्विजय ने व्यापम मामले की जॉच कर रही एस.टी.एफ पर जॉच में गड़बड़ी किए जाने के आरोप लगाये थे। एस.टी.एफ ने शिवराज और उनके नजदीकी लोगों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर जॉच में गड़बड़ी कर डाली। कांग्रेस के आरोपों को भाजपा हमेशा नकारती रही, बाद में यह मामला सी.बी.आई के पास चला गया। सूत्रों के अनुसार सीबीआई के पास हाल ही में कुछ ऐसे तथ्य प्राप्त हुए हैं। जिनके चलते मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के विश्वास पात्र व्यक्ति की संलिप्तता इस मामले में पाई हैं। जिसके चलते शिवराज को मुख्यमंत्री पद त्यागना पड़ेगा। सी.बी.आई सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा के खिलाफ ऐसे सबूत प्राप्त हुए हैं जिनके चलते उन्हें घेरे में लिया जा सकता हैं। सीबीआई ऊपर से इशारे का इंतजार कर रही हैं। जिस दिन भी निर्देश प्राप्त हुए मध्यप्रदेश में कार्यवाही कर दी जाएगी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार भाजपा के दिग्गज नेताओं को भी इस बात के संकेत दे दिए गये हैं।
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