Tuesday 28 June 2016

अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगे शिवराजसिंह !!


डॉ. अरूण जैन
देश के साथ-साथ प्रदेश में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उनके नेताओं द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो साल की कार्यकाल की उपलब्धियों के गिनाने का सिलसिला जोरों पर जारी है। यही नहीं इस उपलब्धि गिनाओ दिवस के दौरान जहां समाचार पत्रों में मोदी की सरकार की उपलब्धियों की जानकारी के साथ-साथ तमाम विज्ञापन दिये जा रहे हैं तो वहीं पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा राज्यों में जाकर मोदी के दो साल की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराने का काम किया जा रहा है लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा इन्हीं दिनों राज्य के समाचार पत्रों में हाल ही में सम्पन्न हुए सिंहस्थ के आयोजन की उपलब्धियों के गुणगान करते हुए दो-दो पेज के विज्ञापन देकर समाचार पत्रों में अपनी उपलब्धियां बढ़-चढकऱ गिनाने का काम किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री के दो-दो पेज के गुणगान भरे विज्ञापनों के सामने नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों का प्रचार कुछ क्षीण सा होता दिखाई दे रहा है। इसको लेकर लोगों में यह चर्चा आम है कि जैसा कि नरेन्द्र मोदी ने सिंहस्थ के दौरान अपने संबोधन में शिवराज को "अति" लोकप्रिय मुख्यमंत्री के नाम से संबोधित किया था लगता है वह "अति" लोकप्रिय बनने की अभिलाषा आज भी पाले हुए हैं शायद यही वजह है कि सिंहस्थ के बहाने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए देश विदेश के विज्ञापनों के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि बनाने का जो काम उनके रणनीतिकारों द्वारा किया जा रहा है वह आज भी जारी है और यह टसल लगता है, लोकसभा चुनाव के पूर्व से आज तक चली आ रही है। ऐसे समय में जब सारे देश में प्रधानमंत्री की दो साल की उपलब्धियों का गुणगान का दौर चल रहा हो और उसी समय मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सिंहस्थ के नाम पर मुख्यमंत्री की उपलब्धि की दो-दो पेज के विज्ञापन जारी करना इस बात के के संकेत दे रहे हैं कि शायद मुख्यमंत्री को अपनी तारीफ के आगे उनके प्रदेश में नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की जाए यह शायद मुख्यमंत्री शिवराज को कतई पसंद नहीं है। जबकि भाजपा के नेताओं सहित लोगों का कहना है कि सिंहस्थ की उपलब्धि को लेकर जो विज्ञापन इन दिनों सरकार द्वारा जारी किये जा रहे हैं वह दो दिन बाद भी जारी किये जा सकते थे। लेकिन मोदी की उपलब्धियों के कार्यक्रम के साथ-साथ इस तरह के विज्ञापन जारी करना लोग उचित नहीं मान रहे हैं तो वहीं भाजपा के नेता इस तरह के विज्ञापन जारी कर अपनी स्वयं की पीठ थपथपाने की संज्ञा देते नजर आ रहे हैं, कुल मिलाकर भाजपा में जो उठापटक का दौर लोकसभा चुनाव के पूर्व से चला आ रहा है लगता है वह आज भी जारी है और आज भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रधानमंत्री पद की लालसा पाले हुए हैं तभी तो इस तरह की खीझ मोदी की उपलब्धियों के अवसर पर विज्ञापनों से जारी कर प्रगट करते दिखाई दे रहे हैं। मामला श्रेष्ठता दिखाने का जो भी है लेकिन इस समय लोग इन विज्ञापनों को जारी किये जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं !!

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