Friday 13 July 2018

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 49 फीसदी मतों के साथ मिल सकती हैं सत्ता- सर्वे

डाॅ. अरूण जैन
मोदी सरकार के 26 मई को चार साल पूरे हो रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के पास अब सिर्फ एक साल बचा है। एक ओर बीजेपी अपना चुनावी चक्रव्यूह रच रही है तो दूसरी ओर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी बीजेपी को सत्ता से बाहर कर विपक्षी दल मिले सुर मेरा तुम्हारा गा रहा है। कांग्रेस-बीजेपी के बीच चल रहे चुनावी महासमर के बीच एक सर्वे सामने आया है। एबीपी न्‍यूज के सर्वे में मध्य प्रदेश और राजस्थान के परिणाम बताए हैं। सर्वे के मुताबिक, अगर राजस्थान में आज चुनाव हों तो कांग्रेस को 44 फीसदी वोट मिलेंगे, जबकि बीजेपी 39 फीसदी के साथ पिछड़ सकती है। वहीं, आज चुनाव हों तो बीजेपी को मध्य प्रदेश में 34 फीसदी और कांग्रेस को 49 फीसदी वोट मिल सकते हैं। ऐसा नहीं है कि सर्वे में जो बातें सामने आई हैं, उससे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वाकिफ नहीं हैं। उन्हें आभास है कि एमपी में इस बार शिवराज के नाम सिक्का चलने की उम्मीद कम है और राजस्‍थान में हर 5 साल बाद सत्‍ता बदलने का ट्रेंड है। ऐसे में बीजेपी के पास एक ही आखिरी रास्‍ता बचा है और गुरुवार को सर्वे के नतीजे आने से ठीक पहले चुनाव आयोग ने बीजेपी को एक अच्‍छी खबर दी है। खबर है वन नेशन, वन इलेक्‍शन से जुड़ी। चुनाव आयोग ने मोदी सरकार को प्लान बी भेजा है। मतलब वन नेशन वन इलेक्शन के लिए बीच का एक रास्‍ता। सर्वे में पिछड़ती बीजेपी चुनाव आयोग के इस प्‍लान बी को अपने प्लान ए के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। सर्वे में मध्य प्रदेश और राजस्थान में पिछड़ती दिख रही बीजेपी के हाथ में विधानसभा चुनाव जल्‍दी कराना तो संभव नहीं है। हां, वह लोकसभा चुनाव जल्द जरूर करा सकती है। 2018 के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव इनके साथ कराए दिए जाते हैं तो बीजेपी को इन राज्यों में पनप रही एंटी इनकमबैंसी की काट मिल सकती है। ऐसे में एमपी में शिवराज सिंह चौहान या राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया के चेहरे अकेले नहीं रह जाएंगे। लोकसभा चुनाव साथ कराने से मोदी का चेहरा बीजेपी लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में आगे कर सकती है। मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां 15 साल से बीजेपी की सरकार है। इसी प्रकार से छत्तीसगढ़ में रमन सरकार को भी लंबा अरसा हो गया। राजस्थान के वोटर का ट्रेंड है- हर पांच साल में सरकार बदलना। अगर एमपी, राजस्‍थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव नहीं होते हैं, तो विधानसभा की हार को लेकर लोकसभा चुनाव में जाना उसके लिए अच्छा संकेत नहीं होगा। इधर, राज्य मंत्री विश्‍वास सारंग ने इस सर्वे से असहमति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर एक वर्ग के लिए काम किया है। उन्होंने कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

No comments:

Post a Comment