डाॅ. अरूण जैन
मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से नंदकुमार सिंह चौहान विदाई तय मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि नए नाम की तलाश जारी है। संघ और अमित शाह की पहली पसंद कैलाश विजयवर्गीय हैं परंतु वो मप्र में वापसी को लेकर मन नहीं बना पा रहे हैं लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। कैलाश विजयवर्गीय ने संकेत दे दिए हैं कि संगठन जो चाहेगा वो करने को तैयार हैं। संघ की बैठक में शामिल होने विदिशा पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश भाजपा में बदलाव और नई जिम्मेदारी मिलने के सवाल पर कहा कि वे भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता हैं। यदि संगठन उन्हें झाडू लगाने को भी कहेगा तो वे उसके लिए भी तैयार हैं। संघ प्रमुख भागवत से मुलाकात पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। मालूम हो विजयवर्गीय इस बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली से सीधे विदिशा आए थे। वे सुबह करीब 8 बजे विदिशा पहुंचे। संघ एवं भाजपा के एक वर्ग का मानना है कि यदि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से नंदकुमार सिंह चौहान को हटा दिया जाए तो भाजपा कार्यकर्ताओं में मौजूद नाराजगी कम हो जाएगी। मप्र में भाजपा 2 उपचुनाव हार चुकी है। 2 उपचुनाव सिर पर हैं और विधानसभा के सामान्य चुनाव भी आने वाले हैं। मप्र में शिवराज सिंह विरोधी लहर भी है। ऐसे में बिना कार्यकर्ताओं के चुनाव जीतना असंभव है। अमित शाह किसी भी कीमत पर मप्र को हाथ से निकलते देखना नहीं चाहते। उनका लक्ष्य 27 राज्यों में भाजपा की सरकार बनाना है। कैलाश और अमित शाह के बीच अच्छी कैमिस्ट्री है। यदि कैलाश विजयवर्गीय को संगठन की कमान दी गई तो यह एक प्रकार से अमित शाह के हाथ में रहेगी। जबकि नंदकुमार सिंह की दौड़ सीएम हाउस तक ही है।
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