Monday 9 July 2018

कुली, कारपेंटर और अब राजनेता, ऐसे फैन्स के बीच भगवान बने रजनीकांत

डाॅ. अरूण जैन
दक्षिण भारत में रजनीकांत को भगवान की तरह पूजा जाता है और अब तो रजनीकांत राजनीति में आएंगे।  इस हफ्ते के शुरू में अपने फैन्स को संबोधित करते हुए रजनीकांत ने चेन्नै में कहा था कि वह दिसंबर के आखिरी दिन अपने राजनीतिक कदम का ऐलान करेंगे और आज यानी 31 दिसंबर को चेन्नई में अपने संबोधन के दौरान रजनीकांत ने कहा कि वे अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे नई पार्टी बनाएंगे और चेन्नई की सभी सीटों से अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उनके इस ऐलान के बाद ही समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया और लोग झूमने लगे। बता दें कि रजनीकांत ऐसे ही नहीं फैन्स के लिए भगवान बनें। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने खूब संघर्ष किया। इस खास मौके पर बताते हैं रजनीकांत के संघर्ष की कहानी। बता दें कि रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। तमिल और हिन्दी फिल्मों में दमदार एक्टिंग कर रजनीकांत ने करोड़ों प्रशंसक बना लिए हैं। रजनीकांत को साल 2000 में भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।  रजनीकांत का जन्म 12 दिसम्बर 1950 को बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में हुआ था। उन्होंने साल 1975 में फिल्म अपूर्व रागंगल से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने अंधा कानून, इंसाफ कौन करेगा, कबाली और शिवाजी द बॉस जैसी कई दमदार फिल्मों में अहम भूमिका निभाई। रजनीकांत की अगली फिल्म रोबोट 2.0 अगले साल 25 जनवरी को रिलीज हो रही है। रजनीकांत का जीवन संघर्ष से भरा रहा। वो चार भाई-बहनों में रजनीकांत सबसे छोटे हैं। बचपन में ही उनकी मां का निधन हो गया। रजनीकांत के घर की हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्हें कई छोटे-मोटे काम करने पड़े। रजनीकांत ने परिवार की मदद करने के लिए कारपेंटर से लेकर कुली तक का काम किया। इसी बीच उनका झुकाव सिनेमा की तरफ बना रहा। वो अक्सर स्कूल प्ले में हिस्सा लेते थे। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बंगलुरू ट्रांसपोर्ट सर्विस में बतौर बस कंडक्टर काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद साल 1973 में वह मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से जुड़े। यहां उनकी मुलाकात फिल्म डायरेक्टर के. बालचंद्र से हुई। हालांकि उस वक्त बालचंद्र खास प्रभावित नहीं हुए थे। साल 1975 में रजनीकांत और के. बालंचद्र एक बार फिर मुलाकात हुई। तब बालचंद्र ने उन्हें एक छोटा रोल ऑफर किया। रजनीकांत को पहली सफलता फिल्म भैरवी से मिली। इस फिल्म में वो मुख्य भूमिका में थे। इसके बाद रजनीकांत के सफर ने रफ्तार पकड़ी और उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में दमदार अभिनय किया। उनकी एक्टिंग दक्षिण भारत में इतनी लोकप्रिय है कि वहां उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है। 

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