डाॅ. अरूण जैन
भाजपा के सहसंगठन मंत्री सौदान सिंह दिल्ली पहुंच गए हैं। उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात भी हो चुकी है। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह एवं संघ के नेताओं से बातचीत के बाद जो फीडबैक तैयार किया था, वो शाह को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि इसमें 8 सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया गया है जबकि 50 ऐसे विधायकों का पत्ता कट कर दिया गया है जिनके नाम शिवराज और संघ दोनों की रिपोर्ट में कॉमन थे। बता दें कि सीएम शिवराज सिंह ने 70 विधायक कमजोर बताएं हैं जबकि संघ ने करीब 80 विधायकों की स्थिति कमजोर बताई है। इनमें से 50 नाम ऐसे हैं जो दोनों रिपोर्ट में दर्ज हैं। ये सभी अब संगठन का काम करेंगे। अमित शाह को सौंपी रिपोर्ट प्रदेश का तीन दिवसीय दौरा करने के बाद सौदान सिंह सिक्किम के दौरे पर रवाना हो गए थे। सिक्किम से कल शाम लौटने के बाद उन्होंने अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश संगठन के हालातों से अवगत कराया। सूत्रों की माने तो सौदान सिंह ने शाह को सीएम और आरएसएस के नेताओं द्वारा उन्हें विधायकों के बारे में दिए गए फीडबैक के बारे में बताया। शिवराज के सर्वे में 70 विधायक बेकार सीएम ने सौदान सिंह से चर्चा के दौरान उन्हें बताया था कि उन्होंने विधायकों का जो सर्वे कराया है, उसमें 70 से अधिक विधायकों हालत बेहद खराब है। संघ के सर्वे में भी इसी तरह के हालात सामने आए हैं। दोनों नेताओं के बीच पिछले छह महीनों में केन्द्र द्वारा तय किए गए कार्यक्रमों के प्रदेश में क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई। मंडल की बैठकों में नहीं आते बड़े नेता, संगठन नाखुश तीन दिनी बैठक में सौदान सिंह को इस बात की शिकायत मिली है कि मंडल की बैठकों में विधायक समेत कई बड़े नेता गैरहाजिर रहते हैं। मंडल की बैठक में 50 से 55 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति होना चाहिए पर विंध्य, चंबल समेत कई क्षेत्रों के नेताओं ने शिकायत की है कि उनके यहां की बैठकों में दो दर्जन ही नेता ही आते हैं। संगठन ने इस बात पर नाराजगी जताई है। जल्द ही इस संबंध में राष्ट्रीय नेतृत्व नए निर्देश जारी कर सकता है। अम्मा महाराज का सम्मान नहीं हुआ तो ग्वालियर-चंबल में जीत मुश्किल शाह से मुलाकात के दौरान सौदान सिंह ने यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा उनसे मिलकर की गई शिकायत के बारे में भी बताया। गौरतलब है कि सौदान सिंह से हुई मुलाकात में यशोधरा ने कहा था कि अम्मा महाराज, विजयाराजे सिंधिया ने पार्टी को खड़ा किया पर उनका ही अब पार्टी में सम्मान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा था कि ग्वालियर-चंबल की जनता उन्हें देवी की तरह पूजती है, अगर उनका सम्मान बरकरार न रहा तो ग्वालियर-चंबल में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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