Tuesday 10 July 2018

मप्र में कई दिग्गज भाजपा नेता इस बार बेटों को चुनाव लड़वाएंगे!

डाॅ. अरूण जैन

मध्य प्रदेश में लगातार पिछले तीन विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता संभालने वाली भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता आगामी विधानसभा के होने वाले चुनाव में नही दिखाई देंगे। ऐसा नहीं है कि इन  नेताओं की अहमियत खत्म हो गयी या इनका वजूद सिमट गया है और सक्रिय राजनीति से इन्हें दरकिनार किया जा रहा है। दरअसल भाजपा के दिग्गज नेता अपनी विरासत अपनी आने वाली पीढ़ी को सौंपने के लिये इन्हें राजनीति के मैदान में उतर कर खुद को नेपथ्य में ले जाने को तैयार हैं। इसके लिए इन नेताओं ने अपने पुत्रों की पृष्ठभूमि भी तैयार कर ली है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव नवंबर में होने हैं। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो प्रदेश की राजनीति में कई चर्चित चेहरों की जगह उनके पुत्र ले लेंगे, लेकिन ये इस बात पर भी निर्भर करेगा कि इन नेता पुत्रों को जनता कितनी स्वीकार करती है या उनकी लांचिंग उनके पिता कितने बेहतरीन तरीके से कर पाते हैं। कांग्रेस के युवा नेता कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया जिन्हें पार्टी बतौर सम्भावित मुख्यमंत्री कांग्रेस पेश कर सकती है, के सामने अभी तक कोई युवा चेहरा भाजपा के पास नही है, गौरतलब यह भी है कि भाजपा में ही 70 पार उम्र के फार्मूले के तहत मध्य प्रदेश में बुजुर्ग मान कर मंत्रियों को घर बैठाया गया है। ऐसे में कहना जरूरी नहीं है कि आगामी चुनाव में भी उम्रदराज नेताओं को टिकिट मिलेगा या नहीं, लेकिन कई नेताओं ने अपने पुत्रों को अपनी विरासत सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे नेताओं में केंद्र स्तर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर शामिल हैं, जिन्होंने अपने बेटों के राज्याभिषेक के लिए बिसात भी बिछा दी है। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर से लगातार आठ बार की सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन अपने पुत्र को अभी तक राजनीति के मैदान में नहीं ला सकी हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद अपने पुत्र कार्तिकेय को राजनीतिक समर में लाने की तैयारी कर चुके हैं। उनकी पत्नी साधना सिंह की भी सामाजिक आयोजनों में भागीदारी इस बात की संभावना को बल दे रही है कि गाहे बगाहे वे भी राजनीति में कदम रख सकती हैं। आशंका इस बात की भी है कि यदि शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी केंद्र की राजनीति में ले जाती है तो उनका प्रतिनिधित्व प्रदेश में भी बना रहे इसलिए वे अपने पुत्र या पत्नी के बहाने राज्य की राजनीति में अपने रसूख को कायम रख सकें।  मध्य प्रदेश सरकार के दो बड़े मंत्रियों जयंत मलैया और गोपाल भार्गव ने भी अपनी राजनीतिक विरासत के लिए उत्तराधिकारी तय कर दिए हैं। इस बात का इशारा इससे मिलता है कि इन चारों नेताओं के बेटों का संगठन की राजनीति में पदार्पण हो चुका है। भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य प्रभात झा के बेटे त्रिशमूल झा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह, मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा, मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव शामिल किए गए। राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद में भी पांच नेता पुत्रों को जगह दी गई। प्रदेश की राजनीति के साथ राष्ट्रीय भाजपा में भी दखल रखने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खास सिपहसालारों में गिने जाते हैं। ये कयास लोगों की जुबान पर है कि उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय अगले विधानसभा चुनाव में पिता की महू विधानसभा सीट से उम्मीदवार बन सकते हैं। आकाश की महू में राजनीतिक सक्रियता से इस बात के संकेत भी मिले हैं। ये संभावना इसलिए आंकी जा रही है कि राष्ट्रीय राजनीति में कद बढ़ जाने से कैलाश विजयवर्गीय अब राज्य की राजनीति से दूर होना चाहते हैं। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने भी अपने बेटे के राजनीतिक पदार्पण की तैयारी कर ली है। जहां तक अभिषेक की राजनीतिक सक्रियता की बात करें तो बुंदेलखंड इलाके में अभिषेक पिता की राजनीतिक विरासत एक तरह से संभाल चुके हैं। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे देवेन्द्र सिंह तोमर भी पिता की विरासत संभालने के लिए तैयार हैं। नरेन्द्र तोमर का मध्य प्रदेश की सत्ता और संगठन में खासा दखल है। कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेता भी देवेन्द्र सिंह तोमर के इर्द गिर्द नजर आते हैं।  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के बेटे त्रिशमूल झा, प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया के  बेटे सिद्धार्थ मलैया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय, मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बेटे मंदार महाजन, मंत्री हर्ष सिंह के बेटे विक्रम सिंह, पूर्व मंत्री करणसिंह वर्मा के बेटे विष्णु वर्मा, कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन के बेटे मौसम बिसेन, वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार, राज्यसभा सदस्य सत्यनारायण जटिया के बेटे राजकुमार जटिया, लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव, मंत्री माया सिंह के बेटे पितांबर सिंह सहित कई नेता पुत्र राजनीति में अवतरित होने को बेताब हैं। 

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